कैडेन्स का रनिंग के फील्ड में एक बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। ज्यादातर रनर्स को या तो इसके बारे में मालूम नही है या मालूम होने के बाद उस पर ध्यान नही देते है।
कैडेन्स होता क्या है?
कैडेन्स याने एक रनर एक मिनट्स में कितने स्टेप्स लेता है। (steps a runner takes per minutes- SPM). इसको स्ट्राइड रेट के नाम से भी जाना जाता है।
आदर्श रूप में कितने कैडेन्स होना अच्छा माना गया है?
180 SPM या उससे ज्यादा होना अच्छा माना गया है। वैसे आजकल 170 के ऊपर भी ठीक माना जाता है फिर भी 180 अगर हो तो बहुत अच्छा रहेगा।
लेजेंडरी रनिंग कोच जैक डेनियल ने 1984 ओलंपिक के एलीट लांग डिस्टेंस रनर्स की रनिंग का अध्ययन किया तो उसने पाया कि फास्टेस्ट और efficient रनर्स का SPM 180 या उससे अधिक था। कुछ का तो 200 SPM था।
हमारी हर रन, मतलब रिकवरी रन, टेम्पो रन लांग स्लो डिस्टेंस रन आदि में कैडेन्स 180 होना चाहिए?
नहीं, आपकी रिकवरी रन में जो कि बहुत स्लो होती है उसमें कैडेन्स कम हो सकते है , टेम्पो रन जो कि फ़ास्ट होती है उसमें ज्यादा हो सकते हैं। हाँ संडे की लांग डिस्टेंस रनिंग में 180 रखने की कोशिश करना चाहिए।
हम कैडेन्स किस तरह चेक करें?
आप 30 सेकण्ड्स की रन करें और राइट या लेफ्ट पैर ग्राउंड पर कितनी बार गिर रहा है उसको काउंट कर लें फिर उसको 4 से गुणा कर दें। उदाहरण अगर आपका राइट फुट 40 बार गिरा है तो 40×4=160 मतलब आपके कैडेन्स 160 है। अगर 45 बार ग्राउंड टच करता है तो 45×4=180 मतलब आपके कैडेन्स 180 है
वैसे garmin वाच में कैडेन्स रिकॉर्ड हो जाते हैं। कुछ एप्प्स भी है जो कैडेन्स रिकॉर्ड करते है runfit app, tickr fit आदि। पर मैंने कभी इन्हें use नही किया है इसलिए इसके बारे में कुछ भी कहने में असमर्थ हूँ।
अगर कैडेन्स कम हो तो क्या दिक्कत है?
अगर आपका कैडेन्स कम है तो आपको इंजुरी के चांस बढ़ जाते हैं।
A study completed in 2011 showed a small increase of just 5-10% in cadence rate can “substantially reduce the loading to the hip and knee joints during running and may prove beneficial in the prevention and treatment of common running related injuries.”
According to same study, 56% of recreational runners are injured every year, and 50% of those injuries include the patellofemoral joint in the knee.
Cadence कम होने से इंजुरी क्यों होती है?
जब कैडेन्स कम होता है तो आपका फुट हिप्स के नीचे लैंड न होकर हिप्स के सामने लैंड होता है। जिससे knee joints और shin बोन पर प्रेशर पड़ता है और इंजुरी होने की संभावना बढ़ जाती है।
जिनके कैडेन्स कम होते है उनकी स्ट्राइड length थोड़ी ज्यादा रहती है जिससे आपकी एनर्जी ज्यादा बर्बाद होती है और फुट लैंड होने पर ज्यादा प्रेशर पैदा होता है। इसके विपरीत जब आप छोटे छोटे स्टेप्स लेते है तो आपका पैर हिप्स के नीचे लैंड होता है और प्रेशर कम उत्पन्न होता है। और आप centre of gravity के support में दौड़ते हैं।
If you have a low cadence, you’re spending more time up in air displacing your body mass so you hit the ground much harder than if you had a high cadence. The more steps you take per minute, the less time you spend in the air, equalling a softer impact on landing.
हम किस तरह से अपने कैडेन्स बड़ा सकते हैं?
सबसे पहले तो आप अपने करंट कैडेन्स निकाले। अगर कम है तो आप अपनी लांग रन में स्टेप्स पहले की तुलना में थोड़े छोटे ले। आपको शुरू में 5 से 10% बढ़ाना है। इसमे यह भी ध्यान रखना है कि ऐसा करने में आपको अपनी स्पीड नही बढ़ाना है। इसके लिए कुछ ड्रिल्स भी होती है । उसमें से एक है आप एक स्थान पर खड़े हो कर रनिंग करें। दूसरा है डाउन हिल रन में छोटे छोटे स्टेप्स ले कर उतरे।
छोटे छोटे स्टेप्स लेने से क्या हमारी रनिंग स्लो नही हो जाएगी?
नहीं। छोटे छोटे स्टेप्स आपकी स्ट्राइड लेंथ है पर जब आप उनकी फ्रीक्वेंसी बड़ा देंगे तो आपकी स्पीड भी बढ़ जयएगी।
अंत में आप सबको बतलाने में मुझे खुशी हो रही है कि आज की मेरी IDBI फुल मैराथन में मेरा कैडेन्स 196 था।
Marathoner Vijay Sohni
9425052053
vijaysohni@gmail.com
Happy running