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  • 22 Feb, 2019

Marathon Tips Set 3

*Tip : Mumbai Marathon Route Plan *

टाटा मुंबई मैराथन में रूट पर ध्यान रखने वाली विशेष बातें –
1. जो पहली बार इसमे भाग ले रहे है वे एक दिन पहले रूट रेकी जरूर कर लें।
2. कल भी लिखा था आज फिर लिख रहा हूँ कि पहले तो तीन km स्लो रन करना। जब आप ट्राइडेंट होटल क्रॉस करके नरीमन पॉइंट पर आ जाये तब से आप मैराथन पेस पर रन करना। यहाँ से ही आपको सही रिदम मिलेगी उसको मेन्टेन करना।
3. सही याद नही है । लगभग 8 वे km से बाबुलनाथ मंदिर के यहाँ से फेडर रोड ब्रिज प्रारम्भ होगा। जो पहली बार मुम्बई कर रहे है और 4.40 तक का टारगेट ले कर जा रहे है वे इसे ब्रिस्क वाक करके चढ़े। मेरा विश्वास करें यह आपको अंत मे बहुत काम आएगा। यह पहले 2 km स्लो दौड़ने जितना महत्वपूर्ण है।
4. ब्रिज से उतरते समय अपनी स्पीड न बढ़ाये। अपने मैराथन पेस पर ही रहे।
5. सिद्धि विनायक मंदिर 22 से 25km के बीच आप क्रॉस करलेंगे। 27 से 32 km मुम्बई मैराथन का बहुत ड्राई भाग है। पर यही से आइस और पानी से स्पंज की व्यवस्था प्रारम्भ हो जाती है। आप अपने जूते और मौजो को बचा कर अपने शरीर को जरूर गिला करें। खासतौर से अपना सिर, कंधे और हाथ पर। मैराथन रनिंग में हमारे शरीर का टेम्प्रेचर 102 से 103 डिग्री तक पहुंच जाता है। इसलिए यह बहुत जरूरी है कि हम अपने शरीर को ठंडा रखने का प्रयास करे। हो सके तो कैप पहन कर दौड़े उसके नीचे एक रुमाल रख ले दोनों को गिला करके सर पर रखले।
6 इसी समय आपको वहां के रहवासी संतरे और नमक देंगे। जरूर ले।
7 36km से फिर चढ़ाई प्रारम्भ होगी इसको रन वाक करके चढ़े।
8. जैसे ही आप मरीन ड्राइव पर आएंगे वहाँ आपको दो या तीन कूल जोन मिलेंगे उनमे से जरूर निकले।
9 इस वक्त तक आपकी बॉडी थक जाएगी। और यही से आपकी असली परीक्षा प्रारम्भ होगी। शरीर कहेगा वाक कर लेते है पर वाक मत करना।रनिंग बहुत स्लो कर लेना। एक बार वाक करने पर आ गए तो शरीर कम्फर्ट जोन में चला जायेगा। वाक करने से हमारी मसल्स भी टाइट हो जाती हैं। बहुत थकान हो तो एक इलेक्ट्रिक पोल से दूसरे इलेक्ट्रिक पोल तक वाक करना उसके बाद 5 पोल तक रन करना। और थकान लगे तो 1/4 कर लेना, और लगे तो 1/3 कर लेना पर पूरे वाक पर शिफ्ट मत होना। अंतिम 6 km टफ तो लेंगे। यही मैराथन की असली परीक्षा है और इसको पास करने के बाद आप महान बनते हो। आप इन 6 km में यह सोच कर भी दौड़ सकते हो कि पहला km मैं अपनी माँ को समर्पित करता हूँ, दूसरा अपने पिताजी को, तीसरा पति/पत्नी को, चौथा अपने बड़े बेटे/ बेटी को आदि आदि।
मैराथन रनिंग में जब हम रन समाप्त करके घड़ी बंद करते है तो हम देखते है कि हम 43 km या उससे ज्यादा दौड़े है। क्या कारण है?

 

*Tip : Where you should run on road during a marathon. *

मैराथन रनिंग में जब हम रन समाप्त करके घड़ी बंद करते है तो हम देखते है कि हम 43 km या उससे ज्यादा दौड़े है। क्या कारण है?
इसका मुख्य कारण है कि जब डिस्टेंस नापा जाता है वह सड़क के अंदर की तरफ से नापा जाता है।
इसके लिए आपको यह ध्यान रखना पड़ेगा कि अगर सड़क पर आगे राइट हैंड पर टर्न आने वाला है तो आप राइट साइड पर रन करें अगर लेफ्ट साइड पर टर्न आने वाला है तो सड़क के लेफ्ट साइड पर रन करे। एक उदाहरण जब नरीमन पॉइंट से मरीन ड्राइव पर होते हुए बाबुलनाथ मंदिर की तरफ जाना रहेगा तो आपको सीधे हाथ पर मुड़ना रहेगा। इसलिए जैसे ही आप नरीमन पॉइंट पर आए तो सड़क के सीधे हाथ पर रन करे। जब फेडर रोड के ब्रिज पर चढ़े तो लेफ्ट साइड रन करे क्योकि आपको सी लिंक के लिए लेफ्ट मुड़ना रहेगा। सी लिंक पर राइट साइड हो जाये क्योकि आगे आपको राइट साइड टर्न लेना पड़ेगा। इसी तरह पूरा रूट अपने दिमाग मे रखें और उसी अनुसार रन करें।
हाँ ऐड स्टेशन अगर दूसरे हाथ पर आ रहा है तो उस समय दूसरी तरफ आ जाएं। पानी या इलेक्ट्रॉल ले कर फिर वापिस उसी तरफ आ जाये जिस तरफ आप रन कर रहे थे।
अगर आप इस महत्वपूर्ण बात का ध्यान रखेंगे तो आप ज्यादा नही दौडेंगे अन्यथा आप लगभग 43 km दौड़ लेंगे।

 

*Tip : Important Tip on Stride length & Foot Landing during last stage of marathon. *

आज की टिप बहुत छोटी है पर है बहुत काम की। जब अपनी रन समाप्त करने वाले रहेंगे, खासतौर से पहली बार फुल और हाफ मैराथन रनर्स, उस वक़्त हमारे पैर बहुत ज्यादा थक जाते हैं। उस वक्त आपको अपनी stride length को थोड़ी थोड़ी देर में बदलना चाहिए। साथ मे कभी पंजे पर, कभी ऐड़ी पर और कभी मिड फुट पर रन करना चाहिए। इससे हमारे पैर के अलग अलग मसल्स फाइबर्स उपयोग में आएंगे और हमे रन में थोड़ा रिलेक्स लगेगा। इसको आप इस संडे की लांग रन में आजमा कर देख लें। मैंने करा है। एकदम से फर्क महसूस होता है।
कल से कुछ बात Sports Psychology पर करेंगे। उसका मैराथन में क्या रोल है इस पर एक या दो दिन चर्चा करेंगे।

 

*Tip : Sports Psychology *

दोस्तों आज से कुछ बातें स्पोर्ट्स साइकोलॉजी पर करेंगे। मैराथन की सफलता में इसका भी महत्वपूर्ण योगदान रहता है।
*सबसे महत्वपूर्ण है visualisation.*
ज्यादातर अच्छे रनर्स इस method का उपयोग करते है वे रेस के पहले एकान्त में आँखें बंदकर पूरी रेस को अपनी मन की आँखों के सामने visualise करते है।
इसमे आप अपनी आँखों के सामने एक पूरी डमी रेस देखते है। इसमें आप देखेंगे कि रेस डे पर आप कब उठे, क्या नाश्ता किया, किस तरह तैयार हुए, दोस्तो के साथ वार्म up किया, एक दूसरे को रेस की शुभकामनाएं दें कर स्टार्ट लाइन पर खड़े हुए। आप काउंट डाउन को सुन रहे है। रेस शुरू होने पर किस एकाग्रता से आपने अपने प्लान के अनुसार दौड़ना शुरू किया। रास्ते मे जो लोग आपको चियर्स कर रहे है उन्हें आप देख रहे है। उनकी आवाज आप सुन रहे है………… आप रेस को एन्जॉय कर रहे हैं…. अंतिम 6 km में आप मेंटली बहुत स्ट्रांग बन गए है…अरे आपको तो फिनिशिंग लाइन दिख रही है। आस पास खड़े लोग कह रहे है बस 500 मीटर आप उनको सुन रहे है। आप अपने टारगेट टाइम से कुछ मिनट पहले अपनी रेस फिनिश करने वाले है। आपने अपनी पूरी शक्ति लगाकर फिनिशिंग लाइन की तरफ स्प्रिंट लगा दी। विनिंग पोज़ के साथ आपने फिनिशिंग लाइन क्रॉस कर ली। आप बहुत खुश हो रहे है आपने जो टारगेट अपने लिए सेट किया था वो अचीव कर लिया। आपकी आँखों मे खुशी के आँसू आ रहे है। आप भगवान को और अपने कोच को मन ही मन धन्यवाद देते हुए मैडल लेने जा रहे है । रास्ते मे आपके दोस्त मिल रहे है आप एक दूसरे का समय पूछ कर बधाई दे रहे है। आपको मैडल स्टैंड पर मैडल गले मे डाला जा रहा है।
*इसको केवल visualise नही करना है इसको इमोशनली फील भी करना है।*
दोस्तों, रेस डे के पहले जितनी भी बार इस टेक्निक का उपयोग करेंगे उतना आपके लिए अच्छा रहेगा। इससे आपकी रेस डे की चिंता कम होगी, आप शांत बने रहेंगे और रेस डे के दिन आपका आपकी रेस पर पूरा कंट्रोल रहेगा।

*Remember: the unconscious mind doesn’t differentiate between a real experience and an imagined one.*

आपका *’रनिंग मंत्र* ‘ क्या है?

 

 

*Tip : Running Mantra *

रनिंग मंत्रा अच्छे रनर्स अपने मन को शांत रखने के लिए और अपना आत्मविश्वास बनाये रखने के लिए अपनी दौड़ के समय कुछ कुछ सकारात्मक मोटिवेशनल बातें अपने आप से बार बार बोलते रहते है। ये सकारात्मक कथन ही ‘रनिंग मंत्र’ कहलाते है. ये मंत्र हो सकते हैं:-
Relex and flow
Good going (+your name)
You are going to finish
I can and I am
Never, ever give up
Define yourself
Be water
All is well

और भी कोई सकारात्मक कथन जिससे आपको मोटिवेशन मिले।

*Remember: The body achieves what the mind believes.*

 

*Tip : How to handle Anxiety *

आज की टिप उन धावकों को समर्पित है जिन्हें बहुत ज्यादा anxiety/ चिन्ता हो रही है कि मालूम नही क्या होगा, कैसे होगा। मैराथन sub 5 में होगी या नही या हाफ मैराथन sub 2 में होगी कि नही….. आदि आदि।
मिलते है तो बोलते है, सर, बहुत चिंता हो रही है मालूम नही क्या होगा…
मैराथन डे के एक दिन पहले तो कई धावक इसी चिंता में उस रात को सो नही पाते।
इस चिंता से हटने का तरीका ही आज की टिप है। यह मैराथन के अलावा जिंदगी में कई मौकों पर काम आयेगा। यह है:-
*प्रश्न: अगर आप जिस बात की चिंता कर रहे है क्या आपके पास उसका कोई हल है?*
*उत्तर: नहीं है*
**तो फिर किस बात की चिंता*
*प्रश्न :अगर आप जिस बात की चिंता कर रहे है क्या आपके पास उसका कोई हल है?**
*उत्तर: हाँ है*
*तो फिर किस बात की चिंता*

इसलिए जब आपके हाथ मे कुछ नही है तो किस बात की चिंता करना। अगर है तो फिर तो बिल्कुल चिंता नही करना चाहिए।
हमारे हाथ मे तैयारी करना था। जो हमने अच्छे से की है। बस रेस डे के दिन उसे क्रियान्वित करना है।
**अंत मे एक बात अगर आपके मन की हो जाये तो ईश्वर की कृपा मानना, मन की न हो तो ईश्वर की इच्छा मानना।*

 

*Tip : Sports Psychology again *

आज हम Sports Psychology पर अंतिम बात करेंगे।
दोस्तो आपको एक बात बतला दूँ कि इसका हमारी सफलता में बहुत बड़ा रोल रहता है। बड़े बड़े खिलाड़ियों और बड़ी टीम्स के अलग से Sports Psychologist रहते हैं।
आज बहुत छोटी सी बात पर महत्वपूर्ण बात। हमेशा सकारात्मक साइड की तरफ देखें या सकारात्मक सोचे।
पहली बार हाफ या फुल करने वाले रनर्स को क्रमशः 16 और 32 के बाद की थोड़ी दिक्कत आनी शुरू होती है। उस वक़्त आप दो तरीके से सोच सकते है अगर आप फुल मैराथन कर रहे है तो 1. अरे बाप रे अभी 10km और बचे है या 2. बस 10 ही बचे है। मैंने 32 कर लिया है तो ये 10 तो कुछ नही है।
इसी तरह हाफ मैराथन वाले सोच सकते है।
पहले वाला विचार आया तो आप ठीक तरह से अपनी रन पूरी नही कर पाएंगे। दूसरे विचार में आपमे हिम्मत बनी रहेगी। और आप अपनी रन ठीक तरह से पूरी कर पाएंगे।
आप पूरी रन में किसी भी बात को नेगेटिव रूप में न ले। रन शुरू होते समय ये न सोचें कि अरे 42 दौड़ना है तब आप सोचे कि प्रैक्टिस में तो 32/34/35 दौड लिए। बचे हुए तो आराम से कर लेंगे। आज में लोगों को बतला दूँगा कि 32 के बाद कि रन कोई कठिन बात नही है।
*मतलब 20 जनवरी को पूरी रन में नेगेटिव सोचना ही नही। एक बार नेगेटिव विचार आये तो वह फिर वे बढ़ते चले जाते है।*
*याद रहे आप अपने मन को अपना गुलाम बना कर रखेगे तो आप उसे जैसा नचाएंगे वैसा नाचेगा। वरना वह जैसा चाहेगा वैसा आपको नचायेगा।*
कल हाफ मैराथन के रूट पर बात करेंगे। क्योंकि जब रूट की बात की थी तब फुल मैराथन के रूट पर बात की थी। कुछ रनर्स जो पहली बार मुम्बई हाफ करने जा रहे है उन्होंने मेरे को pm किया था इस बारे में।

 

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