*Tip : Carb Loading *
मैराथन में एक टर्म बहुत उपयोग में लायी जाती है – कार्बोलोडिंग. ये क्या है?
*Carbohydrate loading, commonly referred to as carb-loading or carbo-loading, is a strategy used by endurance athletes, such as runners, to maximise the storage of glycogen (or energy) in the muscles and liver.*
दोस्तो अगर आपने टिप नंबर 3 और 6 पढ़ा होगा तो मैंने उसमे लिखा है कि ग्लाइकोजन हमारी मसल्स और लिवर में स्टोर रहता है और वो ही हमे एनर्जी देता है।
कार्बोहाइड्रेट डाइट लेने से हमारे शरीर मे ग्लाइकोजन का लेवल बढ़ता है।
हम अगर 20 जनवरी को अपना अच्छा परफॉर्मेंस देना चाहते है तो जरूरी है कि हमारी मसल्स और लिवर में ग्लाइकोजन अच्छी मात्रा में रहे इसलिए यह जरूरी है कि हम दो दिन पहले से अपने खाने में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा बड़ा दे।
कुछ रनर्स इसके लिए दौड़ की पहली बार रात को विशेष रूप से पास्ता पार्टी करते है । हाँ पास्ता में कार्बोहाइड्रेट अच्छी मात्रा में रहता है पर अगर हम चावल दाल आलू की सब्जी भी खाए तो हमे उतना ही कार्बोहाइड्रेट मिलेगा जितना पास्ता से मिलेगा। मैं कई मैराथन दौड़ चुका हूँ शायद एक या दो में पास्ता खाया होगा। दाल चावल आलू की सब्जी के साथ और खिचड़ी कार्बोलोडिंग की मेरी प्रिय डिश है। मैं आपको पास्ता खाने के लिए मना नही कर रहा हूँ अगर मिले तो जरूर खाये पर उसके पीछे परेशान न हों।
*हाँ एक वार्निग- कार्बोलोडिंग के चक्कर मे ज्यादा मत खा लेना वरना stomach अपसेट हो सकता है।*
मैराथन के एक दिन पहले डिनर जल्दी @6.30pm कर ले। उसका फायदा सुबह मिलेगा।
मैराथन डे के दिन कितने पहले उठना चाहिए ? क्या नाश्ता करना चाहिए?
*Tip : Breakfast on Marathon Day
16 सामान्यतः मैराथन डे पर इलीट मैराथन रनर्स 3 घंटे पहले उठते है और लगभग 300 कैलोरी का नाश्ता करते है। कई तो नाश्ता करके वापिस सो जाते है। ऐसा क्यों? अगर आप 2 से 3 घंटे पहले नाश्ता करते है तो जब रेस प्रारम्भ होगी तब तक आपका नाश्ता stomach से छोटी आंत में आ जायेगा। जहाँ न्यूट्रिएंट्स का absorption प्रारम्भ हो जाएगा और बॉडी को एनर्जी भी मिलना शुरू हो जाएगी।
मतलब यह है कि हमे नाश्ता देर से देर 2 घंटे पहले तो करना ही है। अगर आपकी रेस 5.40 पर स्टार्ट हो रही है तो 3.40 पर आपका नाश्ता हो जाना चाहिए। याने आपको 3 बजे सो कर उठना ही पड़ेगा। सुबह उठते ही 3 से 4 गिलास पानी ले । इतने पहले पानी लेने से रेस टाइम तक आपकी बॉडी अच्छे से हाइड्रेट हो जाएगी , पर यह आदत आपको यही से डालनी पड़ेगी।
नाश्ते में जो आप इंदौर में लेते है वो ही वहाँ ले कुछ नया न ले।रेस के 40 मिनट पहले एक केला ले लीजिए।
पेसर के साथ रन करना चाहिए या नही?
*Tip : Choosing a pacer *
कई रनर्स पूछते है कि हमे पेसर के साथ रन करना चाहिए कि नही?
जितने घंटे के पेसर के साथ आप दौड़ना चाहते है उससे आप एक्सपो में पर्सनली मिल लें। उनका रनिंग प्लान क्या है। अगर उनका रनिंग प्लान वैसा ही है जैसा आपकी प्रैक्टिस रन का था तो उनके साथ दौड़ने में कोई दिक्कत नही होगी। पर अलग है तो उनके साथ बिल्कुल मत दौड़ना।
सामान्यतः पेसर नेगटिव स्प्लिट्स में रन करते है याने सेकंड हाफ में पहले हाफ से फ़ास्ट रन करते है जिसकी प्रैक्टिस हमे नही रहती है हमलोगों का सेकंड हाफ स्लो रहता है। उनको इसलिए इजी रहता है क्योंकि वो जिस समय मे अपनी मैराथन पूरी करते है उससे 20 से 30 मिनट अधिक का पेसर उन्हें बनाया जाता है। उदाहरण के लिए फुल मैराथन का 5 घंटे का जो पेसर होगा उसका मैराथन का टाइम 4.30 से 4.40 का होगा। उनको 5 घंटे में फिनिश करना अनिवार्य रहता है तो ज्यादातर टाइम पर पहुचने के लिए अंतिम km में तेज हो जाते है।
सार यही है कि आपको अपने प्लान के अनुसार दौड़ने वाला पेसर मिल जाये तो ही उसके साथ दौड़े नही तो आप खुद अपने पेसर बन जाएं।
रेस प्लान क्या होता है
*Tip : What is a race plan *
*रेस प्लान क्या होता है?*
रेस प्लान में आप पहले से यह तय कर लेते है कि आप हर घंटे में कितना पानी लेंगे, कितना इलेक्ट्रॉल लेंगे, कब gel लेंगे, अगर gel नही ले रहे है तो किशमिश/खजूर/ चॉकलेट आदि कब लेंगे।
रेस प्लान में आप यह भी पहले से तय कर लेते है कि आप रेस किस पेस से दौडेंगे। (इस पर कल अलग से चर्चा करूँगा)।
रेस प्लान को आपको अपने दिमाग मे अच्छे से याद रखना रहेगा और दौड़ते समय उसको उसी अनुसार कार्यान्वित करना पड़ेगा। अगर आपने तय किया है कि मेरे को हर घंटे में 400ml पानी और एक इलेक्ट्रॉल लेना है तो आप ऐड स्टेशन अनुसार( जिसका चार्ट आपको एक्सपो में मिल जाएगा) अपनी प्लानिंग कर ले।
रेस प्लान में आपको यह भी तय कर लेना चाहिए कि रेस के अंतिम kms में (केवल फुल मैराथन वाले रनर्स के लिए) जब बॉडी बहुत गर्म हो जाएगी तब क्या करना (इस पर अलग से चर्चा करूँगा) है।
कहने का मतलब यह है कि पूरी रन में आप क्या-क्या और कब-कब करने वाले है यह पहले से तय कर लेना चाहिए। यही रेस प्लान है।
मैराथन में आपका पेस क्या होना चाहिए और मुम्बई मैराथन के रूट पर क्या क्या ध्यान रखना चाहिए।
*Tip : What should be your Marathon Pace *
*मैराथन में आपका क्या पेस होना चाहिए?*
हर रनर का मैराथन पेस और हाफ मैराथन पेस अलग अलग होता है। यह आपके 5km और 10km के बेस्ट टाइम पर निकला जाता है। अभी इस पर डिटेल चर्चा सम्भव नही है और समय भी नही है। अभी तो जो लोग मुंबई में हाफ मैराथन करने जा रहे है उनको तो जो हाल ही में उनकी बेस्ट हाफ मैराथन रही है उसी को आधार मान कर उसी पेस पर दौड़े। 16km तक बहुत कंफर्टेबल दौड़ने के बाद वे चाहे तो *अंतिम 5km में अपना 5 से 10 सेण्ड्स का पेस बड़ा सकते हैं* ।
जो लोग फुल कर रहे है वे अपनी हाल ही करी हुई बेस्ट हाफ मैराथन के पेस में *20 सेकण्ड्स प्लस कर ले और जो पेस आएगा वह उनका फुल मैराथन का पेस रहेगा* । अगर आपने हाल ही में बेस्ट हाफ मैराथन 6 मिनट/km के पेस पर की है तो आपका फुल मैराथन का पेस 6.20 का रहना चाहिए। अगर हाफ का पेस 6.30 था तो फुल का पेस 6.50 रहना चाहिए।
पर बहुत कम लोग इस फार्मूले के हिसाब से अपना पेस मेन्टेन कर पाते है। कारण कल की टिप में। कल रूट में क्या ध्यान रखना उस पर भी चर्चा करने की कोशिश करेंगे। नही तो उसके अगले दिन।
हाँ, आपका इजी पेस क्या होना चाहिए? *आपकी मैराथन पेस में 40 सेकण्ड्स जोड़ लें वह आपका इजी पेस होना चाहिए।* संडे की लांग रन हमेशा इजी पेस पर करना चाहिए न कि मैराथन या हाफ मैराथन पेस पर। ( *यह बात मुंबई मैराथन के लिए नही है पर प्रैक्टिस रन के लिए बहुत बहुत महत्वपूर्ण हैं।)*
*Tip : Why a marathon may not go as per your plan *
क्या कारण है कि बहुत सारे रनर्स उस मैराथन पेस पर अपनी रन पूरी नही कर पाते जिस पर उन्हें करना चाहिए या कर सकते है?
बहुत सारे कारण है उनमें से प्रमुख हैं:- 1. कमजोर कोर मसल्स। कमजोर कोर होने के कारण सेकंड हाफ में उनका रनिंग फॉर्म बिगड़ जाता है और उसके कारण पेस भी।
2. किसी फ्रेंड के साथ दौड़ना। जैसा मैंने कल भी लिखा था हर रनर का पेस अलग अलग रहता है। अब आप अपने जिस दोस्त के साथ दौड़ रहे है उसका पेस आप से ज्यादा हुआ तो आप सेकंड हाफ में खड़े हो जाओगे या क्रेम्पस आ जाएंगे या वाक करके अपनी मैराथन पूरी करोगे। इसलिए किसी के साथ नही दौड़ना।
3 रास्ते मे ठीक तरीके से हाइड्रेशन और प्रॉपर fueling का ध्यान नही रखना।
4 मैराथन जब स्टार्ट हुई तो पहले तीन चार km जोश में तेज दौड़ लिए। यह बहुत जरूरी है और सब यहाँ से कसम खा कर जाना कि पहले दो kms हम मैराथन पेस से 30 सेकण्ड्स स्लो रन करेंगे। हमको लगता है कि हमारा 1 मिनट का समय बर्बाद हो गया पर आप मेरे पर विश्वास करें ये 1 मिनट कहाँ एडजस्ट हो जाएगा पता ही नही चलेगा। और आपके 5 से 10 मिनट बचा लेगा। उसके पीछे का विज्ञान आपको समझाने का समय नही है। हाँ हाफ मैराथन वालो को शुरू से ही अपने हाफ मैराथन के पेस पर दौड़ना है। उनको वार्म up में बहुत इजी 1 से 2 km रन कर लेना चाहिए।
5 इंदौर से बहुत सारे लोग जा रहे है रास्ते मे वो आपको दिखेंगे भी । कई बार आपका कोई दोस्त आपसे 100-200 मीटर की दूरी पर दिखे तो उसे पकड़ने के चक्कर मे अपना पेस मत बड़ा देंना। आप उसे पकड़ तो लोगे पर अपनी रन बिगाड़ लोगे।
6 हर km एक से पेस पर न दौड़ना। आपके हर km के पेस के बीच 5 सेकण्ड्स का अंतर नही होना चाहिए। होता क्या है – मानलो आपको 6 के पेस पर दौड़ना है तो आप कभी 5.30 के पेस पर कभी 6.15 के पेस पर दौड़ते हो इससे आपकी रदम नही बनती है। अगर आप एकसे पेस पर रन करेंगे तो एक रदम बन जाएगी और आप रन को एन्जॉय करते हुए दौडेंगे।
अच्छे रनर्स का आप स्प्लिट्स देखेंगे तो उनके कई kms एक से टाइम में होते है हर km में एक से 2 सेकण्ड्स का अंतर रहता है।
7 रनर्स सोचते है कि हम पहले हाफ में तेज दौड़ ले ताकि अगर सेकंड हाफ में समय बिगड़े भी तो हमारा समय सुधर जाएगा। ऐसा नही है। पहली बात तो इसमें हम पहले से नेगेटिव सोच रहे है कि हमारा सेकंड हाफ बिगड़ने वाला है। दूसरा ऐसा करने पर हम पहले हाफ में अपनी एनर्जी ज्यादा खर्च कर देते है जिसकी हमे सेकंड हाफ में ज्यादा जरूरत रहती है। हमे नेगेटिव स्प्लिट्स में रन करना चाहिए अर्थात सेकंड हाफ फ़ास्ट होना चाहिए। ये जभी होगा जब हम फर्स्ट हाफ में अपनी एनर्जी वेस्ट न करें। अभी अक्टूबर में इंदौर के डॉ अमित बंग ने बंगलोर फुल मैराथन नेगेटिव स्प्लिट्स में ही 4घंटे 27 मिनट में पूरी की थी।
8 mental toughness का अभाव। सेकंड हाफ या कहे कि सेकंड हाफ के भी सेकंड हाफ में याने 37/38 km पर आपकी बॉडी कहती है कि अब रुक जाओ अगर आपका मन मजबूत नही है तो वाक करने लग जाएंगे । यही पर आपकी असली परीक्षा है। यहाँ आपके निर्णय पर ही आपकी पूरी मैराथन का टाइम निर्भर करेगा। इसलिए शरीर की न सुने। जितनी टफ आपकी मेन्टल toughness रहेगी आपकी मैराथन की टाइमिंग भी उतनी अच्छी रहेगी।
ये प्रमुख कारण है जिन पर आप 20 जनवरी को विशेष ध्यान रखना।
रूट पर क्या ध्यान रखना है ?
*Tip : How should be your Lap Pace *
आज भी मैं रूट पर क्या ध्यान रखना चाहिए पर बात नही कर पाऊँगा। क्योकि कल की टिप पर कुछ रनर्स फ्रेंड्स ने मेरे को PM करके और कुछ ने कल मल्हार आश्रम मैदान पर प्रश्न करके कुछ बाते जानना चाही थीं।उन्ही के प्रश्नों के उत्तर आज की टिप में हैं
सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है घड़ी का सही use करना। अगर आपके पास garmin की वाच है तो उसमें एक ऑप्शन लेप पेस का रहता है। उसमें आप जिस km पर दौड़ते है उसका एवरेज पेस आता है। अगर आपका मैराथन पेस 6.30 का है तो आप अपनी घड़ी को लेप पेस पर ही रखे और दौड़ते समय यह ध्यान रखे कि आपका एवरेज पेस 6.30 के आस पास ही रखें। इसके लिए आपको हर km में 2 से 3 बार घड़ी देखनी पड़ेगी। अगर पेस तेज हो रहा है तो अपने को स्लो कर ले और अगर स्लो हो रहा है तो फ़ास्ट कर ले पर रखे 6.30 के आस पास 6.35 या 6.25 चलेगा पर 6 या 7 नही चलेगा।
*वैसे अच्छे रनर घड़ी देख कर नही दौड़ते है। उनको अपनी रनिंग से पेस समझ मे आ जाता है। पर अभी हम उस लेवल के रनर नही बने हैं*
दूसरी महत्वपूर्ण बात है जब हम रन स्टार्ट करते है तो हमारी बॉडी फ्रेश रहती है और हम तेज भी दौड़ते है तो बहुत कंफर्टेबल लगता है पर उस वक्त हमारी hr बढ़ जाती है और हम ट्रेशहोल्ड लिमिट को क्रॉस कर जाते है और हमारी बॉडी में लेक्टिक एसिड निकलने लगता है जो हमको थकाने लगता है। इसलिए हम उसी पेस पर दौड़े जिस पर हमको दौड़ना चाहिए।
कल भी मैंने लिखा था कि किसी दोस्त के साथ न दौड़े। उसका पेस अलग है आपका अलग है। *क्या हम 5 घंटे के लिए अपने दोस्त का साथ नही छोड़ सकते? धयान रखें हम पैदा भी अकेले हुए थे मरेंगे भी अकेले।*
*पहले दो km स्लो रन करना ही है* ( फुल मैराथन वाले) जब आप नरीमन पॉइंट पर आ जाये उसके बाद अपने मैराथन पेस पर रन करना प्रारंभ करदे। *फेडर रोड के ब्रिज को ब्रिस्क वाक करके चढ़े। उतरते समय मैराथन पेस पर ही उतरे अपनी स्पीड न बढ़ा दें।*